असहिष्णुता की धुंध में ओझल थे दोनों छोरों पर इकट्ठे लोगों के दुखी चेहरे शक और गलतफहमियों की आग में स... असहिष्णुता की धुंध में ओझल थे दोनों छोरों पर इकट्ठे लोगों के दुखी चेहरे शक और गल...
इस कदर जब दिल ये मेरा इश्क़ में तेरे खोता ताज्जुब है!!!! जानेजाना तुम्हें कुछ नहीं होत इस कदर जब दिल ये मेरा इश्क़ में तेरे खोता ताज्जुब है!!!! जानेजाना तुम्हें कुछ...
इस चालीस पार का क्या ग़म मनाना इस चालीस पार का क्या ग़म मनाना
आज की नारी की सोच को दिखाती सशक्त रचना। आज की नारी की सोच को दिखाती सशक्त रचना।
जहां सिर्फ तुम और हम रहेंगे, और बिना किसी डर के तुम्हें अपना कह सकेंगे। जहां सिर्फ तुम और हम रहेंगे, और बिना किसी डर के तुम्हें अपना कह सकेंगे।
मणि मुक्ता मंत्र व्यर्थ उर गहरे गड़ी मेख। मणि मुक्ता मंत्र व्यर्थ उर गहरे गड़ी मेख।